Rule and Regulations

Baba Ramnath Utkarsh Mahavidyalaya

प्रवेश से सम्बन्धित सामान्य नियम-निर्देश


बाबा रामनाथ उत्कर्ष पी.जी. कालेज में विद्यार्थियों का प्रवेश, प्रवेश समिति की संस्तुति, अनुशासनाधिकारी की सहमति एवं प्राचार्य के आदेश के बाद होता है इस सन्दर्भ में कुछ सामान्य निर्देश निम्नलिखित है-

  • महाविद्यालय में प्रवेश के लिए सभी जाति/वर्ग एवं समुदाय, लिंग तथा धर्म के लोगों (छात्र/छात्रा) को समान अधिकार प्राप्त है।
  • महाविद्यालय में प्रवेश के लिए प्रवेश आवेदन फार्म भरना आवश्यक है, जिसे महाविद्यालय के प्रशासनिक कार्यालय से प्राप्त किया जा सकता है।
  • प्रवेश प्रक्रिया छात्र एवं छात्राओं की योग्यता (शैक्षिक प्रमाण-पत्र) के आधार पर होता है।
  • प्रवेश हेतु इच्छुक अभ्यर्थी को अपने आवेदन फार्म पूर्ण रूप से भरकर आवश्यक सूचनाओं एवं प्रमाण-पत्रों के साथ अंतिम तिथि से पहले कार्यालय में जमा करना अनिवार्य है।
  • प्रवेश फार्म की जाँच प्रवेश समिति के अधिकारियों द्वारा होती है। इसमें अभ्यर्थी यदि योग्य पाये जाते है तो उसके प्रवेश की संस्तुति कर दी जाती है।
  • प्रवेश हेतु अभ्यर्थी को कार्यालय में निर्धारित शुल्क जमा कर प्रवेश प्रक्रिया को पूर्ण करने का निर्देश दिया जाता है।
  • यदि अभ्यर्थी अत्यन्त गरीब या विकलांग हो तो प्रवेश समिति छूट के नियमों के आधार पर सहायता प्रदान करती है।
  • प्रवेश के समय यदि कोई छात्र/छात्रा अपना फोटो, टी.सी., मार्कसीट (अंक-प्रत्र), मूल प्रमाण-पत्र (सनद), प्रवजन चरित्र प्रमाण-पत्र और अन्य आवश्यक प्रमाण-पत्र (आय, जाति, निवास) एवं आधार कार्ड प्रस्तुत नहीं करता है तो 15 दिन के बाद उसका प्रवेश निरस्त माना जायेगा।
  • प्रवेश के पश्चात् सभी छात्र/छात्रा को महाविद्यालय द्वारा जारी परिचय-पत्र एवं ड्रेस के साथ आना अनिवार्य है।
  • प्रवेश आरक्षण के नियमों के अनुसार होता है। एस.सी./एस.टी. व अन्य वर्ग के गरीब छात्रों को फीस में छूट।
  • प्रवेश हेतु आवश्यक प्रपत्र-हाईस्कूल अंकपत्र व प्रमाण-पत्र, इण्टरमीडिएट अंकपत्र व प्रमाण-पत्र चरित्र प्रमाण-पत्र, टी.सी.. आधार कार्ड, आय प्रमाण-पत्र, निवास पत्र, जाति प्रमाण-पत्र (केवली पिछड़ी जाति व अनुसूचित जाति हेतु) अनिवार्य रूप से जमा करना है।

स्थानान्तरण परिस्थितियाँ केवल दो शर्तों पर सम्भव है।

  • प्राचार्य एवं विश्वविद्यालय की अनुमति पर
  • स्वतः स्थानान्तरण की स्थिति में।

अनुशासन सम्बन्धित नियम


व्यक्तित्व के विकास का प्रमुख साधन अनुशासन है। छात्र जीवन मानव जीवन का 'स्वर्णीम काल' होता है। छात्र जीवन में रहकर व्यक्ति महाविद्यालय द्वारा प्रदान शैक्षिक वातावरण के सृजन में योगदान देता है। अनुशासन सकारात्मक एवं सृजनात्मक विचार के पूरक है। यह व्यक्ति को महान बनाता है।
महाविद्यालय अनुशासन के बाहृय स्वरूप को निर्देशित करता है तथा आन्तरिक परिणति में विश्वास रखता है। इसी सन्दर्भ में कुछ अनुशासन सम्बन्धी नियम निर्धारित किये गये है। जो इस प्रकार है-


  • महाविद्यालय में छात्र/छात्राओं का प्रवेश 3 वर्ष के लिए सुरक्षित है। यदि इस दौरान किसी भी छात्र/छात्राओं द्वारा अनुशासनहिनता या अनियमितता पायी जाती है। तो प्रवेश समिति, प्राचार्य व अनुशासनाधिकारी द्वारा प्रवेश निरस्त किया जा सकता है।
  • महाविद्यालय का प्रत्येक छात्र अनुशासनात्मक व्यवस्था के अनुपालन में महाविद्यालय प्रशासन का पूर्ण सहयोग करेगा तथा महाविद्यालय के अन्दर एवं बाहर उसके द्वारा कोई ऐसा कृत्य न किया जाये, जिसमें महाविद्यालय की गरिमा में कोई आंच न आये
  • प्रत्येक छात्र/छात्रा को महाविद्यालय परिसर में परिचय पत्र साथ रखना तथा निर्धारित ड्रेस पहनकर आना अनिवार्य होगा।
  • सभी छात्र/छात्रा को महाविद्यालय परिसर के स्वच्छता पर विशेष ध्यान देना होगा। किसी भी प्रकार का दुर्व्यवहार महाविद्यालय परिसर में निषिद्ध है।
  • महाविद्यालय द्वारा समय-समय पर जारी सूचना व निर्देशों का पालन समस्त छात्रों द्वारा करना अनिवार्य होगा।
  • परिचय-पत्र खराव हो जाने या खो जाने पर निर्धारित शुल्क जमा कर पुनः उसकी द्वितीय प्रति प्राप्त की जा सकती है।
  • यदि महाविद्यालय में किसी विद्यार्थी द्वारा अनुशासनहीनता की जाती है तो उसके विरूद्ध अनुशासनाधिकारी एवं अनुशासन समिति द्वारा उचित दण्ड प्रक्रिया अपनायी जायेगी।
  • महाविद्यालय द्वारा निर्धारित नियम व शुल्क प्रक्रिया समस्त विद्यार्थियों के लिए एक समान लागू होगा।
  • विश्वविद्यालय के निर्देशानुसार महाविद्यालय में प्रत्येक विद्यार्थी को 75 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य है।
  • मानक अनुरूप उपस्थिति न होने पर विद्यार्थी को विश्वविद्यालय के वार्षिक परीक्षा से वंचित किया जा सकता है।
  • पुस्तकालय सुविधा हेतु प्रत्येक विद्यार्थी को पुस्तकालय कार्ड कार्यालय से प्राप्त करना अनिवार्य है।
  • छात्राओं (बालिकाओं) को अपने विषयों के कक्षा के अलावा खाली समय में छात्रा कामन रूम में बैठना होगा।

अभिभावक से निवेदन


महाविद्यालय अपने छात्र अभिभावकों से अनुरोध करता है कि वे अपने बच्चों (बालक-बालिकाओं) के सम्बन्ध में समस्त शैक्षिक जानकारी महाविद्यालय से प्राप्त करते रहे। महाविद्यालय एक सामाजिक व शैक्षिक संस्था है। छात्र/छात्राएं एवं अभिभावक इसके सक्रिय सदस्य है। अतः अभिभावकगण अपने बच्चों के भविष्य को सवारने हेतु उन्हें समय से महाविद्यालय भेजें तथा महाविद्यालय के नियमों व निर्देशों के अनुपालन में सहयोग प्रदान करें।